G श्रेणी का मुख्य-अनुक्रम ताराG श्रेणी का मुख्य-अनुक्रम तारा (G-type main-sequence star या G.V), जिसे पीला बौना या G बौना भी कहा जाता है, ऐसे मुख्य अनुक्रम तारे को बोलते हैं जिसकी वर्णक्रम श्रेणी G हो और जिसकी (तापमान और चमक पर आधारित) यर्कीज़ श्रेणी V हो। इन तारों का द्रव्यमान (मास) सूरज के द्रव्यमान का ०.८ से १.२ गुना और इनका सतही तापमान ५,३०० कैल्विन से ६,००० कैल्विन के बीच होता है।[1] अन्य मुख्य अनुक्रम तारों की तरह G V तारे भी अपने केंद्र में नाभिकीय संलयन (फ्यूज़न) के ज़रिये हाइड्रोजन से हीलियम बनाते हैं और इसमें बहुत उर्जा बनती है। हमारा सूरज भी एक G V है और प्रति सैकिंड यह ६० करोड़ टन हाइड्रोजन को संलयित करके हीलियम बना देता है जिसमें क़रीब ४० लाख टन पदार्थ ध्वस्त होकर ऊर्जा बन जाता है। हमारे सूरज के अलावा मित्र "ए" (Alpha Centauri A), टाऊ सॅटाए (τ Ceti) और ५१ पॅगासाई (51 Pegasi) भी कुछ अन्य जाने-माने G श्रेणी के मुख्य अनुक्रम तारे हैं।[2][3][4] रंग-रूपइन तारों को 'पीला बौना' कहा जाता है लेकिन वास्तव में इनका रंग सफ़ेद से लेकर हल्का पीला होता है। सूरज जैसे अधिक तापमान और चमक वाले तारे सफ़ेद और कम तापमान वाले तारे पीले-से होते हैं। ध्यान दें कि हमारा सूरज वास्तव में श्वेत होने के बावजूद हमारे वातावरण में किरणों के रेले बिखराव (Rayleigh scattering) से पीला प्रतीत होता है। इस बात पर भी ग़ौर करें कि सूरज जैसे तारों को बौना तारा कहा जाता है क्योंकि यह दानव तारों, महादानव तारों और परमदानव तारों से छोटे होते हैं, लेकिन संख्या के हिसाब से हमारे सूरज जैसे पीले बौने हमारी गैलेक्सी में मिलने वाले ९०% तारों से अधिक रोशन होते हैं। यह कम रोशन तारे नारंगी दानव (K श्रेणी के बौने), लाल बौने और सफ़ेद बौने जैसे तारे होते हैं। जीवनकालएक साधारण G V तारा लगभग १० अरब वर्षों तक हाइड्रोजन इंधन का संलयन करता है जिसके बाद इसके केन्द्रीय भाग में हाइड्रोजन लगभग ख़त्म हो जाता है। ऐसे होने पर तारा फूलने लगता है और अपने पहले के आकार से कई अधिक बड़ा होकर एक लाल दानव बन जाता है। ऐसा रोहिणी तारे (उर्फ़ ऐल्डॅबरैन या ऐल्फ़ा टौ) के साथ हो चुका है और आज से अरबों साल बाद हमारे सूरज के साथ भी होगा।[5] अंत में जाकर यह लाल दानव अपनी बाहरी परतें त्याग देता है और वे एक सिकुड़े-हुए घने और ठन्डे केन्द्रीय सफ़ेद बौने तारे के इर्द-गिर्द विस्तृत एक ग्रहीय नीहारिका बन जाती हैं। इन्हें भी देखेंसन्दर्भ
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