बेरीनाग
बेरीनाग (Berinag), जिसे बेड़ीनाग या बेणीनाग भी कहा जाता है, भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मण्डल के पिथौरागढ़ ज़िले में स्थित एक हिल स्टेशन है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।[1][2][3] नाम की उतपत्तिनगर के समीप ही बेणीनाग का ऐतिहासिक मन्दिर है, जो कुमाऊँ के प्रसिद्ध नाग मन्दिरों में एक है। इस मन्दिर की लोकप्रियता के कारण इसके समीपस्थ क्षेत्र को भी कालांतर में बेणीनाग कहा जाने लगा। समय बीतने के साथ-साथ यह नाम पहले बेणीनाग से बेड़ीनाग हुआ, और फिर ब्रिटिश काल मे बेड़ीनाग से बदलकर बेरीनाग हो गया। इतिहासबेरीनाग ऐतिहासिक तौर पर गंगोली क्षेत्र के अंतर्गत माना जाता है। यहाँ तेरहवीं शताब्दी से पहले कत्यूरी राजवंश का शासन था। तेरहवीं शताब्दी के बाद यहाँ मनकोटी राजाओं का शासन स्थापित हो गया, जिनकी राजधानी मनकोट में थी।[4] सोलहवीं शताब्दी में कुमाऊँ के राजा बालो कल्याण चन्द ने मनकोट पर आक्रमण कर गंगोली क्षेत्र पर अधिकार कर लिया।[5] इसके बाद यह क्षेत्र 1790 तक कुमाऊँ का हिस्सा रहा। 1790 में गोरखाओं ने कुमाऊँ पर आक्रमण कर कब्ज़ा कर लिया, और फिर 1815 के गोरखा युद्ध में गोरखाओं की पराजय के बाद यहाँ अंग्रेज़ों का कब्ज़ा हो गया। अंग्रेजी शासन काल में यहाँ चाय के कई बागान स्थापित किये गए। लगभग दो सदियों तक, बेरीनाग और चौकोरी में कई हेक्टेयर क्षेत्र में चाय के बागान फैले हुए थे। 1864 में, ये बागान थॉमस मैकिंस और एडवियरस स्लेनेगर स्टेपॉर्ड के थे, जो ब्रिटेन में पंजीकृत एक कंपनी थी।[6] 1869 में ये "कुमाऊँ-अवध प्लांटेशन कंपनी" के स्वामित्व में आये, और उसके बाद जेम्स जॉर्ज स्टीवेन्सन, ने एक पंजीकृत बिक्री पत्र द्वारा इन्हें खरीद लिया।[6] 1919 में यह भूमि ठाकुर देव सिंह बिष्ट और चंचल सिंह बिष्ट ने खरीदी थी। 1964-65 में इस क्षेत्र में कुल 9,667 नाली (195.4 हेक्टेयर) क्षेत्र में चाय के बागान फैले हुए थे।[7] 80-90 के दशकों में इन बागानों में चाय का उत्पादन समाप्त सा हो गया और फिर धीरे धीरे एक पूरे शहर ने यहां आकार ले लिया। बेरीनाग क्षेत्र राईआगर और उडियारी के माध्यम से आस-पास के अधिकतर हिस्सों से जुड़ा हुआ था, और इसी कारण 2004 में डीडीहाट तहसील के 298 गांवों को स्थानांतरित कर बेरीनाग तहसील का गठन कर दिया गया। 2014 में नगर के केंद्र से होकर जाने वाली सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हो गयी; राष्ट्रीय राजमार्ग 309ए नामक यह राजमार्ग बेरीनाग को अल्मोड़ा, बागेश्वर और गंगोलीहाट से जोड़ता है।[6] भूगोल तथा जलवायु![]() बेरीनाग 29.776 डिग्री के अक्षांशों 80.056 डिग्री के देशान्तरों पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी औसत ऊंचाई 1,895 मीटर (6,217 फीट) है। यह राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के 460 किमी उत्तर-पूर्व और राज्य की राजधानी देहरादून के 380 किमी पूर्व में स्थित है। बेरीनाग कुमाऊँ मण्डल के अंतर्गत आता है और यह कुमाऊँ के मुख्यालय नैनीताल के 160 किमी उत्तर-पूर्व में स्थित है। बेरीनाग हिमालय पर्वतमाला की कुमाऊंनी पहाड़ियों में बसा है। नगर के आस पास फैले जंगलों में चीड़, बांज, देवदार और साल के पेड़ बहुतायत में पाए जाते हैं। यहाँ के अधिकतर पहाड़ चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, स्लेट, गनीस और ग्रेनाइट इत्यादि के बने हैं। बेरीनाग की जलवायु कुमाऊँ के अन्य पर्वतीय क्षेत्रों की तरह ही उप-ऊष्णकटिबंधीय हाईलैंड प्रकार की है; गर्मियों (जून) में औसत दैनिक तापमान 21.4 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है, जबकि सर्दियों (जनवरी) में यह लगभग -5 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है।[8] वर्ष भर में औसत तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस तक की भिन्नता प्रदर्शित करता है। सबसे शुष्क और सबसे नम महीनों के बीच वर्षा का अंतर 424 मिमी रहता है। 9 मिमी औसत वर्षा के साथ नवंबर सबसे शुष्क माह है, जबकि 433 मिमी के औसत के साथ जुलाई में सबसे अधिक वर्षा होती है।[8] कोपेन जलवायु वर्गीकरण के अनुसार नगर की जलवायु का कोड "cwb" है।[9]
आवागमनपहाड़ी क्षेत्र होने के कारण सड़क मार्ग ही बेरीनाग में यातायात का सबसे सुलभ साधन है। बेरीनाग राष्ट्रीय राजमार्ग 309ए द्वारा अल्मोड़ा, बागेश्वर और गंगोलीहाट जैसे नगरों से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त नगर से कुछ दूरी पर ही राईआगर तथा उडियारी बेंड हैं, जहाँ से क्रमशः सेराघाट-अल्मोड़ा तथा थल-डीडीहाट/मुनस्यारी को सड़कें निकलती हैं। यह नगर बस सेवा से कुमाऊँ के सभी प्रमुख नगरों से जुड़ा हुआ है। पिथौरागढ़ में स्थित नैनी सैनी विमानक्षेत्र बेरीनाग से निकटतम हवाई अड्डा है, जो सड़क मार्ग से लगभग 90 किमी दूर है। लगभग 180 किमी की दूरी पर हल्द्वानी में स्थित काठगोदाम रेलवे स्टेशन नगर से निकटतम रेलवे स्टेशन है। इन्हें भी देखेंबाहरी कड़ियाँसन्दर्भ
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