के-४ एक परमाणु क्षमता सम्पन्न मध्यम दूरी का पनडुब्बी से प्रक्षेपित किया जाने वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसे भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के द्वारा बनाया जा रहा है। यह प्रक्षेपास्त्र मुख्यत: अरिहंत श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियों का हथियार होगा।[5] इस प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता ३५०० किमी है।[3]
विकास
के-४ का विकास तब शुरु हुआ जब इसी तरह की क्षमताओं वाली अग्नि-३ मिसाइल को आई एन एस अरिहंत में लगाने में तकनीकी समस्याएँ उतपन्न हुईं। अरिहंत के हल का व्यास १७ मीटर है जिसमें अग्नि ३ फिट नहीं हो पाती, इसलिये के-४ का विकास शुरु किया गया जिसे अग्नि-३ जैसी क्षमताओं के साथ ही अरिहंत में फिट होने जैसा बनाया गया। इसकी लम्बाई मात्र १२ मीटर है। के-४ के गैस प्रक्षेपक का २०१० में एक पंटून (छोटी पनडुब्बी) से सफलता पूर्वक परीक्षन किया गया। [6]
विवरण
यह प्रक्षेपास्त्र १२ मीटर लंबा व १.३ मीटर व्यास का है। इसका वजन लगभग १७ टन है। ठोस ईधन के रॉकेट से चलने वाला यह प्रक्षेपास्त्र लगभग २ टन भार का विस्फ़ोटक ले जा सकता है।
डीआरडीओ के अनुसार इस मिसाइल का लक्ष्य अचूक मारक क्षमता हासिल करना है।[2]साँचा:Full citation needed
परीक्षण
परक्षेपास्त्र का एक पंटून से परीक्षण पहले २०१३ में होना था लेकिन अनजान कारणों से इसे टाल दिया गया।[2][7] इसका पहला परीक्षण २४ मार्च २०१४ को ३० मीटर की गहराई से हुआ था। परीक्षण सफल रहा था और प्रक्षेपास्त्र हिंद महासागर में ३००० किमी की दूरी तक पहुँची थी। यह परीक्षण विशाखापत्त्नम के किनारे हुआ था। [8]
खबरों के अनुसार ७ मार्च २०१६ को [13] के-४ का एक बार फिर एक पंटून से बंगाल की खाडी में परीक्षण किया गया जो कि डीआरडीओ के एक अधिकारी के मुताबिक बेहद सफल रहा जिसमें के-४ ने सभी मानकों को पूरा किया।[14] हालांकि डीआरडीओ और भारत सरकार ने इस प्रक्षेपास्त्र के इस परीक्षण के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी।.[15]
अप्रैल 2016 में खबर आई कि प्रक्षेपास्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण ३१ मार्च २०१६ को आईएनएस अरिहंत से विशाखापत्तनम के तट से ४५ नॉटिकल मील की दूरी पर किया गया। नकली भार के साथ मिसाइल को पूरे कार्यवाहक प्रणालियों के साथ प्रक्षेपित किया गया। यह प्रक्षेपण रणनीतिक बल कमान के अधिकारियों ने किया और डीआरडीओ ने इसका संचालन किया। मिसाइल इस परीक्षण में सभी मानकों पर खरी उतरी और शून्य त्रुटि के साथ लक्ष्य भेदने में सफल रही।[13][16][17][18][19]
↑ अआ"India successfully test-fires underwater missile". द हिन्दू. 27 जनवरी 2013. मूल से 15 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 जनवरी 2013. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "thin27j" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है