एचएएल एचटीटी-40
एचएएल एचटीटी-40 हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) एक बेसिक ट्रेनर वायुयान है। इसका प्रयोग भारतीय वायुसेना रिटायर्ड एचपीटी-32 दीपक वायुयान के स्थान पर किया जायेगा। [3][4] डिजाईन और विकासएचटीटी-40 ऑल-मेटल, टैंडेम सीट एयरक्राफ्ट होगा जिसको 1,100 अश्वशक्ति (820 कि॰वाट) टर्बोप्रॉप इंजन से शक्ति मिलेगी।[4] 2012 के मध्य तक इसका भविष्य संदेह में था क्योंकि भारतीय वायुसेना ने एचटीटी 40 की जगह को भरने के लिए पिलाटस पीसी-7 एमके 2 का ऑर्डर दे दिया था। सितम्बर 2012 में वायु सेना ने अनोपचारिक रूप से यह जताया कि उन्होंने एचटीटी-40 को पीसी-7 एमके 2 जो कि दुनिया का एक जाना माना वायुयान है जो दुनिया भर में अपनी सेवा पहले से ही दे रहा है, से दुगनी क़ीमत होने के कारण नकार दिया। एक एमओडी ऑफिसर ने कहा, "रणनीतिक प्रतिरक्षा सामग्री में घरेलू क्षमताओं को बढ़ने के लिए हम अधिक मूल्य चुकाने को तैयार होंगे पर क्या एचएएल इस बात पर कोई तर्क दे सकता है कि बेसिक ट्रेनर रणनीतिक रूप से अहम है[?]" [5][6][7] एचएएल ने आईएएफ़ की घोषणा की पुष्टि नहीं की कि वह एचटीटी-40 को नहीं खरीदेगी न ही कंपनी ने यह बताया कि इस वायुयान का विकास जारी रहेगा या नहीं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा," हम अपने सभी एमओडी मामलों/प्रस्तावों को गुप्त रखते हैं... हमारे सारे प्रोजेक्ट के राष्ट्रीय हित को ध्यान में रख के ही होते हैं हालांकि, उनमें से कुछ फलीभूत होने के लिए समय लेते हैं "। [5] 28 फेब्रुअरी8 2015 को यह रिपोर्ट किया गया कि भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 68 एचएएल एचटीटी-40 ट्रेनर और 38 पिलाटस ट्रेनर को अपने वर्तमान के ट्रेनर को बदलने के लिये चुन लिया है।[8] 21 जून 2015 को एचएएल ने हनीवैल जेरिट टीपीई332- 12बी को ट्रेनर को शक्ति देने के लिए चुना।[9] एचएएल ने 2 फरवरी 2016 को पहला प्रोटोटाइप बाहर निकाला।[10] 31 मई 2016 को इसकी प्रथम उड़ान हुई। इसे एचएएल के चीफ टेस्ट पायलट, ग्रुप कैप्टन सुब्रमण्यम (रिटायर्ड) द्वारा उड़ाया गया। उड़ान 30 मिनट में खत्म हो गयी। पायलट ने अनेक चक्कर लगाये और वायुयान की परफॉर्मेन्स संतोषजनक पाई गयी। [1] विशेषताएं (एचटीटी-40)एचएएल[4] से डेटा सामान्य विशेषतायें
प्रदर्शन
अस्त्र-शस्त्र सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँInformation related to एचएएल एचटीटी-40 |
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